Char Dham Yatra 2021: उत्‍तराखंड हाई कोर्ट ने चार धाम यात्रा से रोक हटाई

557

नैनीताल: Char Dham Yatra 2021: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को शुरू करने को लेकर सरकार द्वारा दायर शपथपत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अपने 28 जून के निर्णय से यात्रा पर लगाई गई रोक को हटाते हुए सरकार को कोविड के नियम का पालन करते हुए प्रतिबंध के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट के यात्रा शुरू करने के आदेश से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। साथ ही हजारों यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौटने की उम्मीद है।

25th anniversary of bageshwar: पर नुमाइशखेत मैदान में कार्यक्रम आयोजित

Char Dham Yatra 2021:  रोक हटाने को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार को ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाने को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए स्थानीय लोगों की आजीविका, कोविड नियंत्रण में होने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर रोक हटाने की मांग की। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। महाधिवक्ता का कहना था कि चारधाम यात्रा का अर्निंग पीरियड है।

कोर्ट ने सीमित की यात्रियों की संख्या

कोर्ट ने सरकार की एसओपी के हिसाब से बदरीनाथ में रोजाना आने वाले यात्रियों की संख्या 1200 को घटाकर 1000 कर दिया। केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 व यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को ही एक दिन यात्रा की अनुमति दी गई है। हेलीकॉप्टर से यात्रा तथा यात्रा मार्ग पर सेवा कार्य करने वाले एनजीओ जिलाधिकारी की अनुमति के बाद ही काम कर सकेंगे। यात्रा के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की डोज का सर्टिफिकेट जरूरी होगा।

जून में हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

कोविड के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी व अन्य अव्यवस्थाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जून में चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। हाल ही में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से मौखिक रूप से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया तो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी। पिछले दिनों हाई कोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 15-16 सितंबर की तिथि नियत कर दी थी।

याचिककर्ता के अधिवक्ता ने कही ये बात

याचिककर्ता अनु पंत, रविन्द्र जुगरान, डीके जोशी के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि चारधाम यात्रा खोले जाने पर सभी पक्षकारों की सहमति है। अगर सरकार स्वास्थ्य ढांचे से सम्बंधित चाक-चौबन्द तैयारियां पहले ही उच्च न्यायालय को अवगत करा देती तो यात्रा पर रोक की नौबत नहीं आती। उम्मीद करते हैं कि सरकार पुख्ता स्वास्थ्य व्यवस्था और सफाई व्यवस्था के साथ यात्रा को जारी रख पाएगी।

Modi Cabinet decision: टेलिकॉम, ऑटो, ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए की बड़ी घोषणा

Leave a Reply