जुमे पर हाई अलर्ट, 21 जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद; पुलिस का फ्लैग मार्च

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लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 19 व 20 दिसंबर को हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद आज एक बार फिर बवाल की संभावना पर प्रदेश में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में शुक्रवार को नमाज के बाद सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़ा सुरक्षा घेरा रहेगा। शासन के मुताबिक फिलहाल हालात सामान्य है। धारा 144 लगी हुई है, लेकिन एहतियात बरते जा रहे हैं ताकि दोबारा से हिंसक प्रदर्शन ना हो सके।

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एहतियातन इंटरनेट बंद करने का एलान

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा के बाद अब प्रदेश में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। आज जुमे की नमाज के बाद एक बार फिर बवाल की संभावना को देखते हुए संवेदनशील जिलों में प्रशासन ने पहले से ही एहतियातन इंटरनेट बंद करने का एलान कर दिया है। कुछ जिलों में इंटरनेट बंद है, जिसमें सहारनपुर, मेरठ, आगरा, बुलंदशहर, गाजियाबाद और बिजनौर हैं। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों के डीएम को यह छूट दे रखी है, अगर मामला संवेदनशील और सांप्रदायिक तनाव की संभावना है तो एहतियात के तौर पर अपने इलाके में इंटरनेट को बंद करा सकते हैं। शामली, बुलंदशहर, आगरा, संभल, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, मथुरा, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, अलीगढ़, सीतापुर में अगले आदेश तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं।

प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों

प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर चप्पे-चप्पे पर नजर रखे जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। पीस कमेटी की बैठकें कर आपसी समन्वय से शांति-व्यवस्था कायम रखने को कहा गया है। गुरुवार को थानों में आउट रीच प्रोग्राम के तहत पीस कमेटी की बैठकें कर सीएए के बारे में जानकारी भी दी गई। अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। जगह-जगह फ्लैगमार्च किया जा रहा है। ज़िलों के वरिष्ठ अधिकारी मौलानाओं और मुस्लिम संगठनों के नेताओं से मुलाक़ात कर शांत रहने की अपील कर रहे हैं।

21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बाधित

लखनऊ, मेरठ, मथुरा, बागपत, आगरा, सम्भल, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा, बिजनौर, बुलंदशहर, बरेली, फीरोजाबाद समेत 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं। हिंसा प्रभावित अन्य जिलों में भी इंटरनेट सेवाएं प्रभावित कराने की तैयारी है। लखनऊ के साथ प्रदेश के अन्य जिलों में 19 दिसंबर को सीएए के विरोध में हिंसा के बाद 20 दिसंबर को कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद, गोरखपुर, अमरोहा समेत करीब 15 जिले सुलग उठे थे। जुमे की नमाज के बाद कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन, आगजनी व तोडफ़ोड़ की घटनाएं हुई थीं। पुलिस सभी स्थानों पर बड़ी मशक्कत के बाद स्थितियों का नियंत्रित कर सकी थी। गुरुवार को डीजीपी ने शुक्रवार को सभी संवेदनशील स्थानों पर लोगों को एक स्थान पर एकत्र न होने देने तथा उपद्रवी तत्वों पर कड़ी नजर रखे जाने का निर्देश भी दिया है।

जिला पुलिस-प्रशासन हुए मुस्तैद

फीरोजाबाद, आगरा, मथुरा में आज (शुक्रवार) को जुमे की नमाज के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट सेवा बंद करा दी। प्रदेश में मिश्रित आबादी में गश्त बढ़ाने के अलावा पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैैं। गोरखपुर में प्रशासन ने शुक्रवार को शहर, खासकर कोतवाली इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। दोपहर की नमाज से पहले उपद्रव प्रभावित इलाके में पैरामिलिट्री फोर्स और भारी पुलिस बल तैनात किया जाएगा। सुरक्षा इंतजाम की कमान एसपी सिटी के हाथ में होगी। मुरादाबाद मंडल को हाईअलर्ट पर रखा गया है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अलावा पुलिस के साथ पीएसी एवं पैरामिलिट्री फोर्स मोर्चा संभाले है।

बिजनौर में गुरुवार दोपहर से शुक्रवार रात 12 बजे तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया

मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों में अधिकारियों के साथ पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स ने पैदल मार्च किया। वहीं मेरठ के डीआइजी दफ्तर में सोशल मीडिया लैब बनी है। यही लैब डिजिटल वालंटियर्स के जरिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों पर नजर रख रही है। बरेली में डीआइजी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि खुफिया टीमें सक्रिय हैं। रामपुर में ड्यूटी के लिए गए पुलिसकर्मी वापस बुला लिए गए हैं। पीएसी और आरएएफ भी तैनात रहेगी। गाजियाबाद में जिला प्रशासन ने जिले में बृहस्पतिवार देर रात से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। मेरठ में पुलिस ने सभी मस्जिदों की सूची बनाकर सुरक्षा के बंदोबस्त किए हैैं। अद्र्धसैनिक बलों की पांच कंपनी अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में लगाई हैं। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। बिजनौर में गुरुवार दोपहर से शुक्रवार रात 12 बजे तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। शरारती तत्वों पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। मुजफ्फरनगर में संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा आरएएफ, पीएसी को सौंपी गई है। इंटरनेट सेवा पर पाबंदी बरकरार है। सहारनपुर में भी इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं।

बुलंदशहर में एक सप्ताह में 687 बैठक कर लोगों से शांति कायम रखने की अपील की गई है। हालांकि बुलंदशहर के खुर्जा में गुरुवार को शरारती तत्वों ने धार्मिक स्थल के अंदर मांस के टुकड़े फेंककर अराजक तत्वों ने माहौल बिगाडऩे की कोशिश की। संभ्रांत लोगों और पुलिस की सतर्कता के चलते मामला शांत हुआ। शामली में इंटरनेट सेवा गुरुवार शाम छह बजे से बंद कर दी गई। सभी संवेदनशील स्थानों पर फोर्स तैनात है। बदायूं में बिना अनुमति सत्याग्रह करने निकले लोकमोर्चा के 10 पदाधिकारियों को जेल भेज दिया गया। अलीगढ़ में गुरुवार रात 12 बजे से शुक्रवार शाम पांच बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश जारी किए हैं। शहर को 25 सेक्टरों में बांटकर पुलिस व मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं।

जरूरत पड़े तो गठित करें एसआइटी

डीजीपी ओपी सिंह ने निर्देश दिया है कि हिंसात्मक प्रदर्शनों को लेकर दर्ज हुए मुकदमों की निष्पक्ष जांच की जाए। आरोपितों की गिरफ्तारी के दौरान मारपीट अथवा अभद्रता किसी दशा में न की जाए। जिन जिलों में हिंसा के दौरान मौतें हुई हैं, वहां एएसपी क्राइम अथवा अन्य किसी एएसपी के नेतृत्व में कुशल विवेचकों को जुटाकर जांच व गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जहां आवश्यकता हो, एएसपी के नेतृत्व में एसआइटी गठित की जाए। डीजीपी ने कहा है कि यदि किसी नामजद आरोपित की घटना में संलिप्तता न पाई जाए तो उसे तत्काल इसकी सूचना भी दी जाए।

डीएम को 72 घंटे इंटरनेट पर बैन लगाने का अधिकार

गृह सचिव अवनीश अवस्थी के मुताबिक अगर 3 दिनों से ज्यादा इंटरनेट बंद करनी है तो इसका फैसला शासन के स्तर से जाता है। 72 घंटे से कम या महज कुछ घंटों के लिए एहतियातन इंटरनेट बंद करना है तो यह अधिकार जिलाधिकारियों को दिए गए हैं कि वह संबंधित सर्विस प्रोवाइडर को आग्रह कर बंद करा सकते हैं। फिलहाल 21 जिलों में आज शाम तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं। प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया था कि सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में बीते शु्क्रवार तक 124 एफआईआर दर्ज किए गए। वहीं, 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 4500 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया गया था।

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