सेना के शहीद आश्रितों को नौकरी देगी यूपी सरकार

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योगी सरकार ने सीमा पर देश की रक्षा करने वाले सेना और अर्द्धसैनिक बल के जवानों और उनके आश्रितों के हक में बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश का कोई जवान अगर सीमा पर लड़ते हुए या आतंकियों से मुकाबला करते हुए, गोलाबारी, विस्फोट, आपदा या महान (ड्यूटी के दौरान) दुर्घटना में शहीद होता है तो राज्य सरकार शहीद सैनिक के किसी एक आश्रित को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी देगी।

यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2017 से लागू मानी जाएगी। लोकसेवा के अंतर्गत आने वाले पदों पर नौकरी नहीं मिलेगी। लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में इसके समेत नौ प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई।

जवानों के आश्रितों को भी मिलेगा लाभ

सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इसका लाभ थल, जल और वायु सेना में कार्यरत सैनिकों व अधिकारियों के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस (आइटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), असम राइफल्स और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स जैसे अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों को भी मिलेगा।

सरकार ने इस फैसले से शहीदों के बलिदान को नमन करते हुए अपनी आस्था प्रकट की है। इस फैसले में पूरी नियमावली स्पष्ट कर दी गई है। इसका लाभ तीनों सेना समेत अर्द्धसैनिक बल के उस लापता जवान या अफसर के आश्रित को भी मिलेगा जिन्हें सक्षम न्यायालय ने मृत घोषित कर दिया है।

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