2019 का चुनाव साथ-साथ लड़ेंगे भाजपा और शिवसेना

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बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विधानसभा में संकेत दिया कि 2019 का चुनाव भाजपा और शिवसेना साथ-साथ लड़ेंगे। संभवतः इन्हीं संभावनाओं के कारण शिवसेना अपने 27 साल पुराने मित्रदल के साथ रिश्तों में और तनाव नहीं घोलना चाहती है। मुख्यमंत्री फड़नवीस द्वारा उद्धव ठाकरे को समय देकर भी दो घंटे इंतजार करवाना और उसके बाद भी न मिलना शिवसेना को तनिक भी बुरा नहीं लग रहा है। शिवसेना के नेता स्वयं सफाई देते दिख रहे हैं कि मुख्यमंत्री विधानसभा में व्यस्त रहने के कारण उद्धव ठाकरे से नहीं मिल पाए। इसे गलत नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

उद्धव ने मुख्यमंत्री से मिलने का ले रखा था समय

बुधवार को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मिलने का समय ले रखा था। उन्हें विधायक निधि के आवंटन पर बात करनी थी। मुलाकात का समय शाम पांच बजे का तय था। उद्धव तय समय से कुछ पहले ही विधानसभा के पास स्थित शिवसेना कार्यालय में आकर बैठ गए। लेकिन विधानमंडल सत्र का अंतिम दिन होने के कारण मुख्यमंत्री विधानसभा की कार्यवाही में व्यस्त रहे। उन्हें विधानसभा में बहस का जवाब देना था, जो करीब 7ः30 बजे तक चला। तब तक उद्धव ठाकरे वापस जा चुके थे। हालांकि सदन से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री ने फोन पर उद्धव से चर्चा की और इसी सप्ताह मिलने का आश्वासन भी दिया।

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