भारत में अक्टूबर तक दस्तक दे सकती है कोरोना की तीसरी लहर

809

बेंगलुरू।  भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक दल ने अक्टूबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। चिकित्सा विशेषज्ञों के रॉयटर्स पोल के अनुसार- अक्टूबर तक भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावना है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि यह भारत में आई दूसरी कोरोना लहर के मुकाबले अधिक नियंत्रित होगा लेकिन इस तीसरी लहर के कारण अब देश में कोरोना संक्रमण एक और साल तक बना रह सकता है।

कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्करों के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत

भारत मे कोरोना की तीसरी लहर की संभावना

दुनियाभर के 40 स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों और प्रोफेसरों के 3-17 जून के स्नैप सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में टीकाकरण में एक महत्वपूर्ण तेजी आना तीसरी लहर के प्रकोप को थोड़ा कम कर देगा। भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भविष्यवाणी करने वालों में से 85% या 21 से अधिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अगली लहर अक्टूबर तक आएगी। तीन लोगों ने अगस्त की शुरुआत में और 12 लोगों ने सितंबर में इसकी भविष्यवाणी की है। बाकी बचे तीन लोगों ने नवंबर से फरवरी के बीच भारत मे कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई है।

तीसरी लहर को लेकर राहत की बात

हालांकि, राहत की बात ये है कि 70% से अधिक विशेषज्ञों या 34 में से 24 लोगों ने कहा है कि भारत में मौजूदा कोरोना प्रकोप की तुलना में किसी भी नए प्रकोप को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि इसे और अधिक नियंत्रित किया जाएगा क्योंकि मामले बहुत कम होंगे क्योंकि अधिक टीकाकरण शुरू हो गया होगा और दूसरी लहर से कुछ हद तक प्राकृतिक प्रतिरक्षा भी होगी। यानि कोरोना की तीसरी लहर उतनी तेज रहने की संभावना नहीं है।

बच्चों को लेकर क्या बोले एक्सपर्ट

यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों और 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को संभावित तीसरी लहर में सबसे अधिक जोखिम होगा, लगभग दो-तिहाई विशेषज्ञों या 40 में से 26 विशेषज्ञों ने हां कहा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहंस) में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ प्रदीप बनंदूर ने कहा कि टीकाकरण के मामले में वे पूरी तरह से अछूती आबादी हैं क्योंकि वर्तमान में उनके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि स्थिति गंभीर हो सकती है।

नारायण हेल्थ के कार्डियोलॉजिस्ट और महामारी प्रतिक्रिया योजना पर कर्नाटक राज्य सरकार की सलाहकार डॉ देवी शेट्टी ने कहा कि अगर बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित हो जाते हैं और हम तैयार नहीं होते हैं तो आप अंतिम समय में कुछ नहीं कर सकते। लेकिन 14 विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चों को जोखिम नहीं है।

कब तक भारत पर बना रहेगा खतरा ?

एक अलग सवाल के जवाब में 41 विशेषज्ञों में से 30 ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस कम से कम एक साल तक खतरा बना रहेगा। 11 विशेषज्ञों ने कहा कि खतरा एक साल से कम समय तक रहेगा। 15 लोगों ने कहा कि ये दो साल से कम तक रहेगा जबकि 13 विशेषज्ञों ने कहा कि दो साल से अधिक और दो लोंगों ने कहा कि भारत में कोरोना का खतरा कभी खत्म नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्मित केन्टोनमेंट जनरल हॉस्पिटल का किया शुभारम्भ

Leave a Reply