स्मॉग से दिल्ली में हाहाकार, केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक

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दीपावली के तकरीबन सप्ताह भर बीतने के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना ज्यादा दर्ज़ किया गया है।

नई दिल्ली- दीपावली के तकरीबन सप्ताह भर बीतने के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना ज्यादा दर्ज़ किया गया है। इससे दिल्ली और एनसीआर में सांस लेना बेहद मुश्किल हो चुका है। पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली और एनसीआर में धुंध की मोटी परत छाई है। रविवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग छाया हुआ है। लोगों को सांस लेने में परेशानी तो हो रही है, साथ ही सड़कों पर विजिबिलिटी की भी समस्या पेश आ रही है।

आज सुबह दिल्ली के धौला कुआं इलाके में स्मॉक रहा। लोगों के सड़कों पर ज्यादा दिक्कत आ रही है। एक ओर सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो वहीं विजिबिलिटी कम होने से वाहन चालक परेशान नजर आए। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर आज दोपहर कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है।

इससे पहले आज सुबह दिल्ली के जंतर मंतर पर लोगों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दिल्ली में ऐसे ही प्रदूषण बढ़ता रहा तो यहां जीना मुश्किल हो जाएगा।

दिल्ली में हर शख्स 40 सिगरेट पी रहा है रोजाना

विशेषज्ञों की मानें तो सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने वाले प्रदूषण तत्व खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। जानकारों का कहना है कि इस समय दिल्ली में सांस लेने पर दिन भर में 40 सिगरेट के बराबर धुआं शरीर के भीतर जा रहा है। यानी दिल्ली में रोजाना हर शख्स 40 सिगरेट पी रहा है।

दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण स्तर के चलते दिल्ली एक ‘आपात स्थिति’ का सामना कर रही है। ऐसे में केंद्र ने किसानों द्वारा पराली (खूंटी) जलाने पर अंकुश के लिए सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक बुलाई है।

गौरतलब है कि दिल्ली पर धुंध छाए रहने और कई स्थलों पर प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर से कई गुना अधिक होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे से मुलाकात की। इस दौरान केजरीवाल ने इस चुनौती से निपटने में केंद्र के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तुलना एक ‘गैस चैंबर’ से की

केजरीवाल ने दिल्ली की तुलना एक ‘गैस चैंबर’ से की, जिसके लिए मुख्य कारण पंजाब और हरियाणा से खेतों में खूंटी जलाने से उठने वाला धुआं है। उन्होंने लोगों से वाहनों का इस्तेमाल न्यूनतम करने की भी अपील की। बैठक के बाद दवे ने कहा कि उन्होंने सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक बुलाई है और उनसे अनुरोध करेंगे कि वे अपने राज्यों में खूंटी जलाने पर अंकुश लगाएं, क्योंकि यह दिल्ली में धुंध का स्तर बढ़ाता है।

दिल्ली में आपातकाल की स्थिति

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हालात बहुत खराब हैं। विशेष तौर पर बच्चे, मरीजों, महिलाओं और वृद्धों के लिए। हमें स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

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