नई दिल्ली। Delhi Assembly : दिल्ली विधानसभा में आज बृहस्पतिवार को आबकारी नीति पर पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट पर चर्चा होगी। हालांकि, इससे पहले सदन में डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा।
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भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने सीएजी रिपोर्ट पर कहा कि इस सीएजी रिपोर्ट में जिस तरह का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है, जिस तरह से आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाया है, उस पर आज चर्चा होगी और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी कैबिनेट का असली चेहरा भी उजागर होगा।
उन्होंने कहा जो पैसा दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए खर्च होना चाहिए था, वह सारा पैसा बेईमान लोगों की जेब में चला गया। आम आदमी पार्टी को सदन में चर्चा के जरिए दिल्ली को हुए 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व के नुकसान का जवाब देना होगा।
पूर्व सीएम आतिशी ने बीजेपी पर बोला हमला
दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने एक्स पर पोस्ट डालकर लिखा कि भाजपा वालों ने सरकार में आते ही तानाशाही की हदें पार कर दीं।‘जय भीम’ के नारे लगाने के लिए तीन दिन के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों को सदन से निलंबित किया। और आज “आप” विधायकों को विधानसभा परिसर में घुसने भी नहीं दिया जा रहा। ऐसा दिल्ली विधानसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा।
वहीं, आम आमदी पार्टी (AAP) ऑफिशियल अकाउंट से भी एक्स पर एक पोस्ट किया गया है। उस पोस्ट में लिखा गया कि दिल्ली में बीजेपी सरकार का तानाशाही रवैया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सदन में बाबा साहब के नारे लगाए तो उन्हें तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। अब आज AAP विधायकों को विधानसभा भवन के अंदर जाने तक नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। यह लोकतंत्र की हत्या और तानाशाही है।
कैग रिपोर्ट में उठाए गए प्रश्नों की जांच होनी चाहिए
कांग्रेस ने आबकारी नीति को लेकर कैग रिपोर्ट में उठाए गए प्रश्नों की जांच कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि कैग रिपोर्ट का निष्कर्ष है लूट, झूठ और फूट। आम आदमी पार्टी की तत्कालीन सरकार दावा करती थी कि आबकारी नीति से राजस्व बढ़ रहा है, लेकिन कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। भाजपा व आप के बीच लड़ाई के कारण विधानसभा में इस रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हो सकी है।
प्रेसवार्ता में उन्होंने शराब घोटाले की जांच का दायरा व्यापक करने और सितंबर 2022 में कांग्रेस द्वारा पुलिस आयुक्त को दी गई शिकायत को भी शामिल करने की मांग की।
शराब के ठेके खोलने के लाइसेंस कैसे दिए गए?
भाजपा के बड़े नेता और तत्कालीन उपराज्यपाल की भूमिका से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल जिन्हें सीएजी रिपोर्ट में नजरअंदाज कर दिया है। एक साल के अंदर तीन आबकारी निदेशकों को बदलने का निर्णय क्यों और किसने लिया? केजरीवाल सरकार की शराब नीति को लागू करने की अनुमति तत्कालीन उपराज्यपाल ने दी थी, आज तक इस पर कोई जांच क्यों नहीं हुई? मास्टर प्लान का उल्लंघन कर, शराब के ठेके खोलने के लाइसेंस कैसे दिए गए, इसकी भी जांच हो।
यह बहुत बड़ा प्रश्न दिल्ली नगर निगम की अनुमति (Delhi Assembly) के बिना, शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते और उस समय निगम में भाजपा थी। क्या कारण थे कि भाजपा ने दिल्ली सरकार को गैर अधिसूचित क्षेत्रों में भी शराब के ठेके खोलने की अनुमति दे दी? शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के के संबंध वाले राजनीति दलों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। प्रेसवार्ता में पूर्व सांसद संदीप दीक्षित व अन्य उपस्थित थे।